महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती के लिए मुख्य विषय पर फोकस करें।
चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी का बेसब्री से इंतजार कर रही महिला अभ्यर्थियों के लिए अच्छा मौका है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) पद पर भर्तियां करने के लिए विज्ञापन जारी किया है। यदि आपने 12वीं पास होने के साथ ही सहायक नर्सेस एंड मिडवाइव्स (एएनएम) ट्रेनिंग कोर्स किया है, तो आप भी इसमें नौकरी पा सकती हैं। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) इसके लिए लिखित परीक्षा का आयोजन करता है। यह परीक्षा उन महिला अभ्यर्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जो पहली बार आवेदन कर रही हैं। इसमें सफल होने के लिए कड़ी मेहनत, स्मार्ट अध्ययन और प्रभावी समय प्रबंधन के संयोजन की जरूरत होती है। मुख्य विषय पर मजबूत पकड़ बनाकर आप इस परीक्षा में सफल हो सकती हैं।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इस तरह करें परीक्षा की तैयारी।
चयन प्रक्रिया
● प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) 2023 का स्कोर कार्ड एवं अन्य शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आवेदन शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
● चयनित अभ्यर्थी लिखित परीक्षा के लिए आमंत्रित किए जाएंगे।
● लिखित परीक्षा, दस्तावेज सत्यापन और चिकित्सा परीक्षण के आधार पर योग्य उम्मीदवारों को चयनित किया जाएगा।
परीक्षा का प्रारूप
● लिखित परीक्षा 100 अंकों की होगी, जिसमें विषयगत ज्ञान से 100 प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे।
● परीक्षा की समयावधि दो घंटे होगी। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक चौथाई अंक की कटौती की जाएगी।
पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझ लें
किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए उसके पाठ्यक्रम को सही से समझना जरूरी होता है। पाठ्यक्रम की सही समझ आपकी सफलता की राह आसान कर सकती है, क्योंकि पाठ्यक्रम समझने के बाद अभ्यर्थी को यह पता चल जाता है कि उसे क्या पढ़ना है और कितना पढ़ना जो उसके परीक्षा में फायदेमंद होगा। इससे आपको अध्ययन के दौरान प्रभावी ढंग से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
अध्ययन कार्यक्रम बनाएं
स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययन कार्यक्रम बनाना बहुत ही आवश्यक है। एक अच्छी तरह से संरचित कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि आप सभी आवश्यक विषयों को कवर कर लें और आपके पास पुनरीक्षण के लिए पर्याप्त समय हो। पूरे पाठ्यक्रम को प्रबंधनीय भागों में बांट लें। सबसे पहले उन विषयों से अपनी शुरुआत करें जो आपको सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण लगते हैं।
रोजाना अध्ययन करें
परीक्षा को पास करने के लिए एक अच्छी योजना के साथ-साथ उसको फॉलो करने की भी जरूरत होती है। रोजाना पढ़ने की आदत विकसित करें। आप एडिटोरियल, स्वास्थ्य समाचार, न्यूज पेपर की फीचर स्टोरीज, ओपिनियन पीस भी पढ़ सकते हैं। इससे आपको अपनी अंग्रेजी को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय स्तर और दुनिया भर में होने वाली घटनाओं के बारे में भी जानकारी मिलती रहेगी।
समय प्रबंधन का अभ्यास करें
समय प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण होता है। किसी भी काम के लिए एक समय निर्धारित करना और उसे अपने निर्धारित समय पूरा करना भी जरूरी है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती परीक्षा में भी समय का प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए पहले आसान प्रश्नों के उत्तर दें। चुनौतीपूर्ण प्रश्नों से आगे बढ़ें और यदि समय हो तो बाद में वापस आएं।
सही अध्ययन सामग्री का उपयोग करें
सही अध्ययन सामग्री का चयन करना प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का महत्वपूर्ण पहलू है। चिकित्सा से संबंधित विभिन्न विषयों की तैयारी के लिए पुस्तकों के अलावा ऑनलाइन संसाधनों से भी अध्ययन करें। एनसीईआरटी की 11वीं और 12वीं की पुस्तकों से अच्छी शुरुआत हो सकती हैं। सरकारी वेबसाइटों और विश्वविद्यालयों की वेबसाइटों पर भी उपयोगी जानकारी मिल सकती है।
पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों को हल करें
यदि पिछली भर्तियों के प्रश्नपत्र उपलब्ध हैं, तो उनको हल करें। परीक्षा की तैयारी का यह एक अच्छा तरीका है। इससे आपको परीक्षा के पैटर्न और पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार को समझने में भी मदद मिलती है। इससे यह भी अंदाजा हो जाएगा कि परीक्षा में किस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं और किन टॉपिक से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं। कौन से टॉपिक ऐसे हैं जिनसे कम प्रश्न आते हैं। इससे एक अच्छा आईडिया मिल जाता है।
मॉक टेस्ट का अभ्यास करते रहें
ऑनलाइन मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का आकलन करें। इससे आपको समय प्रबंधन कौशल विकसित करने और कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलती है। परीक्षा की तैयारी स्तर को जानने का सबसे अच्छा और सबसे प्रभावी तरीका है। नियमित रूप से मॉक टेस्ट का प्रयास करके आप गति, सटीकता और समग्र तैयारी स्तर में सुधार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह मॉक टेस्ट मजबूत और कमजोर क्षेत्रों को निर्धारित करने में मदद करता है।
सटीकता बनाए रखें
परीक्षा में सटीकता और गति बनाए रखना जरूरी होता है। चूंकि परीक्षा में 0.25 अंकों की नकारात्मक अंकन है, इसलिए उम्मीदवारों को परीक्षा में अनुमान लगाने से बचना चाहिए। साथ ही प्रश्न हल करने की गति को बेहतर करने के लिए अधिक से अधिक अभ्यास करें। उम्मीदवार नियमित रूप से मॉक टेस्ट देने के लिए कम से कम 2 घंटे का समय निकाल सकते हैं।
समय व्यर्थ न करें
परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। वर्तमान में हमारे आसपास कई ऐसी चीजें हैं जिससे व्यक्ति का समय व्यर्थ होता ही है जैसे मोबाइल, लैपटॉप आदि। आपको परीक्षा की तैयारी के लिए इन सभी चीजों से बचने की आवश्यकता है। इसीलिए यह जरूरी है कि आप सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान दें। अपना समय व्यर्थ न करें।
शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखें
किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक होता है। अगर आप स्वस्थ होंगे तभी किसी भी परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह कर पाएंगे। कई बार अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी की कुछ ज्यादा ही टेंशन ले लेते हैं और इसका असर उनके शरीर, दिमाग यानी उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है, यह अच्छी बात नहीं है। आपको पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। सुबह उठकर व्यायाम भी कर सकते हैं।
पाठ्यक्रम
● स्वास्थ्य के निर्धारक तत्व
● भारतीय स्वास्थ्य एवं योजनाएं
● एससी, पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल का का संगठन
● स्वास्थ्य सेवाएं अंतरराष्ट्रीय डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, यूएनएफपीए, यूएनपीडीए, विश्व बैंक, एफएओ, डीएएनआईडीए, यूरोपीय आयोग। रेड क्रास, अमेरिकी सहायता, यूनेस्को। कोलंबो प्लान, आईएलओ, केयर आदि। राष्ट्रीय इंडियन रेडक्रास, इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर, फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि।
● स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कार्य एवं दायित्व।
● एएनएम के लिए आचार संहिता।
● समुदाय में लोगों की सलाह देने में स्वास्थ्य कार्यकताओं की भूमिका।
● स्वास्थ्य के लिए पोषण की आवश्यकता, पोपण एवं बीमारी का आपसी संबंध।
● खाद्य पदार्थों का पोषण के आधार पर वर्गीकरण।
● विभिन्न आयु वर्ग के लिए संतुलित आहार।
● विटामिन और खनिन की कमी से होने वाले रोग और महिलाओं में पोषणजनित रक्ताल्पता।
● पांच वर्ष तक के बच्चों का पोषण, पोषण में एएनएम/एफएचडब्ल्यू/ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका।
● मानव शरीर की संरचना, शरीर प्रणाली और उनके कार्य। शरीर की स्वच्छता।
● मानसिक स्वास्थ्य की अवधारणा।
● संक्रामक रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु सामान्य उपाय।
● संक्रामक रोग लक्षण, बचाव और उपचार, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, खसरा और तपेदिक, चिकन पॉक्स, कंठमाला (गलसुआ), रूबेला, आंत्र ज्वर, हेपेटाइटिम, रेबीज, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, काला-अजार, ट्रेकोमा, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, खुजली, एमटीडी और एचआईवी/एड्स, एंसेफलाइटिस, लेप्टोस्पायरोसिस, तीव्र श्वमन संक्रमण, दस्त रोग, कृमि संक्रमण, कुष्ठ रोग।
समुदाय में बीमारों की देखभाल इतिहास लेना, शारीरिक परीक्षण महत्वपूर्ण लक्षण।
ज्वर महत्वपूर्ण संकेत, तापमान, नाड़ी, श्वसन, रक्तचाप।
● स्वास्थ्य में आयुष की भूमिका एवं घरेलू उपचार।
● दवाओं का वर्गीकरण। प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत।
● सामान्य चोटें और बीमारियां।
कट और घाव प्रकार, सिद्धांत और प्राथमिक चिकित्सा देखभाल।
● शिशुओं व बच्चों में वृद्धि और बिकास को प्रभावित करने बाले कारक।
दुर्घटनाएं कारण, सावधानियां और रोकथाम।
● विशेष स्तनपान।
विद्यालय स्वास्थ्य उद्देश्य, समस्याएं, कार्यक्रम एवं विद्यालय का वातावरण।
● किशोरों के लिए यौन शिक्षा। मासिक चक्र और उसके दौरान स्वच्छता।
● किशोरावस्था में गर्भधारण और गर्भपात संबंधित जानकारी। भ्रूण और नाल।
सामान्य गर्भावस्था गर्भावस्था के चिह्न और लक्षण।
● सामान्य प्रसव के दौरान देखभाल। नवजान की देखभाल।
● गर्भावस्था की असामान्यताएं।
गर्भपात गर्भपात के प्रकार एवं गर्भपात के कारण।
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