कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर बनने के लिए व्यावसायिक ज्ञान पर मजबूत पकड़ कैसे बनाएं ?

कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर बनने के लिए व्यावसायिक ज्ञान पर मजबूत पकड़ कैसे बनाएं ?

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उप स्वास्थ्य केंद्रों में ग्रामीण लोगों की छोटी-मोटी बीमारियों के उपचार और रोगियों के मार्गदर्शन के लिए कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्तियां करेगा। यदि आपके पास बीएससी नर्सिंग की डिग्री के साथ नर्सों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र है, तो आप भी यह नौकरी पा सकते हैं। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिबद्धता की जरूरत होती है। व्यावसायिक ज्ञान पर मजबूत पकड़ बनाकर आप इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं।

इस तरह करें परीक्षा की तैयारी

पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न से परिचित हों : परीक्षा की तैयारी में पहला और सबसे जरूरी कदम पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न से परिचित होना है। पाठ्यक्रम वह आधार है जिस पर आप परीक्षा की तैयारी की योजना बनाएंगे। पूरे पाठ्यक्रम की जानकारी यह जानने में मदद करेगी कि आपको कौन-सी किताबें पढ़नी चाहिए। यह किसी महत्वपूर्ण विषय को छूटने से बचाने में भी मदद करती है।

पाठ्यक्रम को पूरा पढ़ें : जब आप पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को अच्छे से समझ लेते हैं, तो आपको ज्ञात हो जाता है कि किन-किन विषयों से कितने प्रश्न परीक्षा में पूछे जाएंगे। उसी आधार पर आप उन विषयों के लिए अपना समय निर्धारण करके तैयारी शुरू कर सकते हैं। कोशिश करें कि परीक्षा से पूर्व अपना पूरा पाठ्यक्रम पढ़ लें और कम से कम एक बार उसका रिवीजन भी अवश्य कर लें।

व्यावसायिक ज्ञान को मजबूत करें : व्यावसायिक ज्ञान का प्रश्न-पत्र 80 अंकों का होता है, इसलिए इस स्कोरिंग विषय की अच्छी तरह तैयारी करें। फिजियोलॉजी, शरीर-रचना, जनसांख्यिकी और सामान्य स्वास्थ्य सांख्यिकी, सामुदायिक स्वास्थ्य, महामारी विज्ञान और रोग निवारण, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य एवं पोषण, रोग प्रतिरोधक क्षमता आदि के बारे में गहन अध्ययन करें।

टाइम-टेबल बनाएं : कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भर्ती परीक्षा का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा नहीं है, इसलिए यह ध्यान रखें कि सभी विषयों और टॉपिक्स को पर्याप्त समय दें। इसके लिए टाइम टेबल बनाना बेहद जरूरी है। यह आपको सभी विषयों को जल्दी से जल्दी कवर करने और व्यवस्थित और केंद्रित रहने में मदद करता है। आपको पाठ्यक्रम और उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए जिन पर आपको ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

नोट्स बनाएं : परीक्षा की तैयारी के दौरान छोटे नोट्स बनाना उपयोगी है। इस परीक्षा का पाठ्यक्रम सामान्य होता है, इसलिए छोटे नोट्स महत्वपूर्ण बिंदुओं का रिवीजन करने में मदद करते हैं। नोट्स में महत्वपूर्ण लाइनों को हाइलाइट करें। यह अंतिम समय में रिवीजन में उपयोगी होगा। इससे समय की बचत होती है। नोट्स में अनावश्यक चीजों को लिखने की जरूरत नहीं है।

विषयों को दोहराएं : परीक्षा से पहले का समय गहन अध्ययन के लिए नहीं है। यह समय महत्वपूर्ण विषयों, सूत्रों और शॉर्टकट ट्रिक्स के पुनरीक्षण के लिए समर्पित करना चाहिए। अपने मजबूत क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें। जिन विषयों को आपने कवर किया है, उन्हें दोहराएं, ताकि आपको उन क्षेत्रों में सुधार करने में मदद मिल सके और परीक्षा के दौरान उन्हें आसानी से याद किया जा सके।

पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों को हल करें : परीक्षा की तैयारी में विगत वर्षों के प्रश्न-पत्र अहम भूमिका निभाते हैं। पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों को हल करने से आपको परीक्षा के पेपर में रुझानों को समझने में मदद मिलती है। आप पूछे गए प्रश्न के प्रकार और कठिनाई स्तर का विश्लेषण कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी की रणनीति बनाने में यह आपकी मदद करेगा। इससे आप अपना मूल्यांकन भी कर सकते हैं।

मॉक टेस्ट का अभ्यास करते रहें : परीक्षा की तैयारी के स्तर को जानने का सबसे अच्छा और सबसे प्रभावी तरीका मॉक टेस्ट है। मॉक टेस्ट पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का आकलन करके तैयार किया जाता है, जिन्हें हल करके आप अपनी तैयारी के स्तर को जांच सकते हैं। मॉक टेस्ट आपको परीक्षा पैटर्न और पूछे गए प्रश्नों से परिचित होने में भी काफी मदद करता है। इससे आपको अपनी प्रगति को ट्रैक करने और अपने कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद मिलती है।

समय प्रबंधन जरूरी : परीक्षा में समय का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों को कम समय में प्रश्नों को हल करना होता है। यदि आप समय प्रबंधन पर मजबूत पकड़ बना लेते हैं, तो अतिरिक्त समय का उपयोग आप उत्तरों को संशोधित करने या लंबे या कठिन प्रश्नों पर अतिरिक्त ध्यान देने में कर सकते हैं। पेपर हल करते समय एक प्रश्न पर एक मिनट से अधिक समय नहीं देना चाहिए।

अध्ययन सामग्री का चयन करें : परीक्षा के लिए उपयुक्त अध्ययन सामग्री और किताबें उम्मीदवारों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इसलिए, विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित गुणवत्तापूर्ण पुस्तकों का संदर्भ लेना और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करना सुनिश्चित करें। जिस भी टॉपिक को समझने में आपको समस्या आ रही हो उस टॉपिक को आप यूट्यूब पर सर्च कर सकते हैं। ध्यान रखें कि कुछ वीडियोज का मकसद सिर्फ व्यू प्राप्त करना होता है तो आप ऐसे वीडियो देखने में समय बर्बाद ना करें।

ये पांच टिप्स भी जरूर अपनाएं

●परीक्षा की तारीखों और समाचारों से अपडेट रहें। संबंधित आधिकारिक वेबसाइट्स और समाचार पोर्टलों पर नजर बनाए रखें।

●उन विषयों की एक सूची बनाएं, जिन्हें आप आसान और कठिन के रूप में वर्गीकृत करते हैं और उसी के अनुसार उन विषयों को कम या ज्यादा समय दें।

●प्रत्येक विषय पर प्रश्नोत्तरी का अभ्यास करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। विषयों पर पकड़ बनाने के लिए क्विज को समय से हल करना चाहिए।

●अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। पर्याप्त नींद और पोषित आहार लें। सकारात्मक रहें और अपनी तैयारी पर विश्वास रखें।

●परीक्षा की तैयारी एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होती है। मनोबल को बनाए रखने के लिए लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें।

पाठ्यक्रम

व्यावसायिक ज्ञान : प्राथमिक चिकित्सा, नर्सिंग के मौलिक सिद्धांत, कम्युनिटी हेल्थ नर्सिंग, कम्युनिटी फॉर्मेसी, मिडवाइफ का काम एवं प्रसूति नर्सिंग, सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग, बाल स्वास्थ्य नर्सिंग, मेडिकल-सर्जिकल नर्सिंग, स्वास्थ्य शिक्षा और संचार कौशल और पर्यावरण स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य नर्सिंग, पोषण, बुनियादी शरीर रचना और शरीर क्रिया विज्ञान, प्रशासन और वार्ड प्रबंधन।

मात्रात्मक रुझान : दशमलव, लाभ और हानि, लघुत्तम और महत्तम समापवर्तक, समय और कार्य, साझेदारी, प्रतिशत, अनुपात और समानुपात, संख्याओं पर समस्याएं, नावें और नदियां, साधारण ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, समय और दूरी, सरलीकरण, द्विघातीय समीकरण, औसत, क्षेत्रमिति, मिश्रण और आरोप, पाइप और टंकियां, टेबल्स और ग्राफ, छूट।

तर्क शक्ति : समानता, अंतर, अंतरिक्ष दृश्य, समस्या को सुलझाना, विश्लेषण, निर्णय लेना, दृश्य स्मृति, अवलोकन, अंकगणितीय तर्क, अंकगणितीय संख्या शृंखला, कोडिंग-डिकोडिंग, उपमा, नंबर रैंकिंग, गैर-मौखिक शृंखला, रिश्ते की अवधारणा, दिशा बोध का परीक्षण, वर्णमाला शृंखला, संख्या शृंखला, रक्त संबंध, दर्पण छवियां, वैन डायग्राम।

सामान्य जागरुकता : भारतीय संसद, भारतीय अर्थव्यवस्था, प्रसिद्ध कलाकार, खेल, साहित्य, सामान्य विज्ञान, जीव विज्ञान, आविष्कार और खोज, पर्यटन, विरासत, भारत के प्रसिद्ध स्थान, भूगोल, भारतीय इतिहास, देश और राजधानियां, प्रसिद्ध दिन और तारीखें, प्रसिद्ध पुस्तकें एवं लेखक, नदियां, झीलें और समुद्र, नागरिक शासत्र, सामयिकी, भारतीय राजव्यवस्था, पर्यावरण के मुद्दे।

कंप्यूटर ज्ञान : कंप्यूटर के मूल सिद्धांत, कंप्यूटर की कार्यप्रणाली, कंप्यूटर भाषा, एमएस एक्सेल, एमएस पावर पॉइंट, एमएस वर्ड, सीपीयू, मेमोरी, हार्ड डिस्क, इनपुट/ आउटपुट डिवाइस, शॉर्टकट कुंजियां, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, वेब ब्राउजर, ईमेल, सर्च इंजन, वेब सर्वर, लैन, वैन, मोडम आदि।

चयन प्रक्रिया

●कंप्यूटर आधारित परीक्षा, दस्तावेज सत्यापन और चिकित्सा परीक्षण के आधार पर चयन होगा।

परीक्षा का प्रारूप

●कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) कुल 100 अंकों की होगी, जिसमें बहुविकल्पीय प्रकार के 100 प्रश्न पूछे जाएंगे।

●परीक्षा दो खंडों में होगी। पहला खंड 80 अंक का होगा, जिसमें व्यावसायिक ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।

●दूसरा खंड 20 अंक का होगा, जिसमें सामान्य योग्यता, तर्क, सामान्य जागरुकता और कंप्यूटर का ज्ञान शामिल होगा।

●परीक्षा अवधि दो घंटे की होगी। गलत उत्तर के लिए कोई निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

●सीबीटी में सामान्य/ ईडब्ल्यूएस वर्ग को न्यूनतम 33 प्रतिशत, ओबीसी वर्ग (एनसीएल) को 30 प्रतिशत और एससी/ एसटी वर्ग और दिव्यांगों को 24 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।

इन पुस्तकों का अध्ययन करें

कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भर्ती गाइड, लेखक : डॉ. प्रीति अग्रवाल

ए मॉर्डन अप्रोच टू वर्बल एंड नॉनवर्बल रीजनिंग, लेखक : आरएस अग्रवाल

ए न्यू अप्रोच टू रीजनिंग, लेखक : बीएस सिजवाली एवं इंदु सिजवाली

सरल अंकगणित, लेखक : आरएस अग्रवाल

क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड, लेखक : आरएस अग्रवाल

सामान्य ज्ञान, लेखक : मनोहर पांडे

जनरल नॉलेज : लुसेंट पब्लिकेशन

कंप्यूटर ज्ञान, लेखक : शिखा अग्रवाल

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