भारतीय सेना में अधिकारी बनने के लिए इंटरव्यू का नियमित अभ्यास कैसे करें ?

भारतीय सेना में अधिकारी बनने के लिए इंटरव्यू का नियमित अभ्यास कैसे करें
भारतीय सेना में अधिकारी बनने के लिए इंटरव्यू का नियमित अभ्यास कैसे करें

भारतीय सेना में अधिकारी बनने के लिए इंटरव्यू का नियमित अभ्यास कैसे करें ?

भारतीय सेना में टेक्निकल एंट्री स्कीम (टीईएस) कोर्स के लिए चयनित उम्मीदवारों को पांच वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाता है। चार वर्ष का कोर्स पूरा होने पर इंजीनियरिंग की डिग्री दी जाती है और इसके बाद उम्मीदवार को लेफ्टिनेंट की रैंक और परमानेंट कमीशन दिया जाता है। यदि आप भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित विषय से बारहवीं पास हैं और जेई मेंस में शामिल हुए हैं, तो आप भी इसमें प्रवेश पाकर अधिकारी बन सकते हैं। इसके लिए अभ्यर्थियों को सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है। यह इंटरव्यू क्या है? इसमें होने वाले विभिन्न कार्य, परीक्षण और अन्य महत्वपूर्ण विवरण जानना बहुत महत्वपूर्ण है। इंटरव्यू में शामिल होने से पहले अभ्यर्थी को काफी तैयारी करनी होती हैं। बेहतर तैयारी से एसएसबी इंटरव्यू में सफलता हासिल की जा सकती है।

ऐसे सामान्य प्रश्न जो साक्षात्कार के दौरान अक्सर पूछे जाते हैं…

●आप सेना/ नौसेना/ वायु सेना में क्यों शामिल होना चाहते हैं ?

●आपके लिए सेना/ नौसेना/ वायु सेना क्या मायने रखती है ?

●अब से आपकी पांच साल की योजना आखिर क्या है ?

●साक्षात्कार के दौरान आपका समग्र अनुभव कैसा रहा ?

इस तरह करें इंटरव्यू की तैयारी

नियमित अभ्यास करें उम्मीदवारों को मनोवैज्ञानिक परीक्षण, समूह चर्चा और साक्षात्कार जैसे क्षेत्रों में अभ्यास और कौशल को निखारने के लिए नियमित समय देना चाहिए। पर्याप्त अभ्यास करने से न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि कठिन एसएसबी प्रक्रिया के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।

सकारात्मक रहें उम्मीदवारों को समूह चर्चा और व्यक्तिगत साक्षात्कार दोनों दौरों में आश्वस्त और सकारात्मक रहना चाहिए। गलत उत्तर देने के बजाय प्रश्नों को छोड़ देना चाहिए। एसएसबी इंटरव्यू राउंड के दौरान अपने ड्रेसिंग सेंस, बॉडी लैंग्वेज, बैठने की मुद्रा, आंखों के संपर्क आदि का ध्यान रखें।

न्यूजपेपर और करंट अफेयर्स पढ़ें हर दिन न्यूज पेपर और करंट अफेयर्स पढ़ें और दुनियाभर में सभी नवीनतम वर्तमान घटनाओं और विकास से परिचित हों। करंट अफेयर्स क्विज को हल करें और संक्षिप्त नोट्स तैयार करें, क्योंकि यह अंतिम समय में रिवीजन में भी सहायक होगा।

संचार कौशल में सुधार करें प्रभावी संचार नेतृत्व की आधारशिला है। जिन उम्मीदवारों के पास अच्छा संचार कौशल है, वे समूह चर्चा, समूह कार्यों आदि में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए, रोज 4-5 मिनट शीशे के सामने खड़े होकर किसी विषय पर बोलने की सलाह दी जाती है। संचार कौशल बढ़ाने से आपको आगामी इंटरव्यू में बहुत मदद मिलेगी।

नियमित व्यायाम करें बिना किसी असुविधा के शारीरिक फिटनेस परीक्षा पास करने के लिए फिट रहना चाहिए। इसके लिए हल्की जॉगिंग शुरू करें और ध्यान, योग और सहनशक्ति बढ़ाने वाले व्यायाम करें। शारीरिक फिटनेस बनाए रखना एसएसबी तैयारी का एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि यह मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान आपके प्रदर्शन को सीधे प्रभावित करता है।

साक्षात्कार का पांच दिवसीय शेड्यूल…

उम्मीदवारों को एसएसबी केंद्र पर रिपोर्ट करना होता है। आमतौर पर बोर्ड अधिकारी उम्मीदवारों को स्टेशन से चयन केंद्र ले जाते हैं। इसके बाद, एक ‘उद्घाटन भाषण’ होता है, जहां बोर्ड का एक अधिकारी उन्हें अगले पांच दिनों के कार्यक्रम के बारे में बताता है। इसके बाद दस्तावेज सत्यापन होता है। अपने साथी उम्मीदवारों को जानें, क्योंकि टीम वर्क और सामाजिक संपर्क मूल्यांकन के आवश्यक पहलू हैं।

पहला दिन, स्क्रीनिंग

पहला दिन का शेड्यूल सुबह 5 से 6 बजे शुरू हो जाता है। इसमें दो परीक्षण होते हैं 1- ऑफिसर इंटेलिजेंस रेटिंग टेस्ट (ओआईआर टेस्ट पेपर 1 और पेपर 2), 2- चित्र धारणा एवं चर्चा परीक्षण (पीपीडीटी)।

●ऑफिसर इंटेलिजेंस रेटिंग टेस्ट को अधिकारियों की खुफिया रेटिंग परीक्षण के रूप में भी जाना जाता है। इसमें मौखिक और गैर-मौखिक परीक्षण होते हैं। अभ्यर्थी को दो पुस्तिकाएं मिलती हैं, जिनमें प्रत्येक में 40 प्रश्न होते हैं। प्रत्येक पंफलेट के लिए 15 से 17 मिनट का समय दिया गया है।

●चित्र धारणा में एक छवि 30 सेकंड के लिए प्रदर्शित की जाती है और उम्मीदवारों को इसके विवरण जैसे लिंग, उम्र और पात्रों की मनोदशा, उनके द्वारा किए गए कार्य को नोट करना होगा। फिर अभ्यर्थी उस छवि के आधार पर 4 मिनट में एक कहानी बनाते हैं। समूह चर्चा में बैच से 10-15 उम्मीदवारों का एक समूह बनाया जाता है और प्रत्येक अभ्यर्थी को अपनी कहानी सुनानी होती है। फिर एक आम सहमति तक पहुंचने के लिए समूह में उस पर चर्चा करनी होती है।

●पीपीडीटी के बाद परिणाम घोषित होते हैं। शॉर्टलिस्ट अभ्यर्थियों को परीक्षण के अगले दौर के लिए रखा जाता है। बाकी उम्मीदवारों को उनका टीए मिल जाता है और उन्हें रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड तक वापस छोड़ दिया जाता है।

दूसरा दिन, मनोविज्ञान परीक्षण

थीमैटिक एपेरसेप्शन टेस्ट (टीएटी) उम्मीदवारों को 12 पिक्चर्स दिखाई जाती हैं, और उन्हें चार मिनट की एक कहानी लिखनी होती है।

वर्ड एसोसिएशन टेस्ट (डब्ल्यूएटी) इस टेस्ट से साइकोलॉजिस्ट उम्मीदवारों की पर्सनैलिटी जज करते हैं। उम्मीदवारों के सामने 15 सेकंड के लिए 60 शब्द प्रदर्शित किए जाते हैं। उन्हें एक वाक्य लिखना होता है।

स्थिति प्रतिक्रिया परीक्षण (एसआरटी) 30 मिनट में 60 रोजमर्रा जीवन पर आधारित सवाल करने होते हैं।

स्व-वर्णन परीक्षण (एसडीटी) इसमें उम्मीदवार को लिखना होगा कि उनके माता-पिता, मित्र, शिक्षक और वो खुद अपने बारे में क्या राय रखते हैं। इसके लिए 15 मिनट मिलते हैं।

तीसरा दिन, समूह परीक्षण-1

समूह चर्चा (जीडी) समूह चर्चा दो विषयों पर, एक के बाद एक, कुछ समसामयिक घटनाओं या सामाजिक मुद्दों पर होती है। प्रत्येक चर्चा 20 से 30 मिनट की होती है।

समूह नियोजन अभ्यास (जीपीई) यहां उम्मीदवारों को 10-15 लोगों के समूह में शामिल किया जाता है और उन्हें विशिष्ट मुद्दों वाले मॉडल पर आधारित एक कहानी दी जाती है। उम्मीदवारों को मुद्दों की पहचान करने और उनके लिए एक व्यावहारिक समाधान प्रदान करना होता है।

प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क (पीजीटी) उम्मीदवारों को समूह में दी गई चार बाधाओं को दूर करना होता है, जिसके लिए उन्हें कुछ सहायक सामग्री और कुछ नियम दिए जाते हैं।

समूह बाधा दौड़ (जीओआर) आमतौर पर इसे सांप दौड़ के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक समूह को 6 दी गई बाधाओं के लिए दूसरे समूह के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करनी होती है।

हाफ ग्रुप टास्क (एचजीटी) यह अभ्यास पीजीटी की तरह है, लेकिन यह एक ही बाधा पर एक छोटे समूह के साथ आयोजित किया जाता है।

चौथा दिन, समूह परीक्षण-2

व्याख्यान प्रत्येक अभ्यर्थी को चार विषय दिए जाते हैं, जिनमें से उसे एक को चुनना होता है और उस पर तीन मिनट तक बोलना होता है।

व्यक्तिगत बाधाएं (आईओ) प्रत्येक अभ्यर्थी को तीन मिनट में 10 दी गई बाधाओं को दूर करना होगा, जो कठिनाई स्तर के आधार पर एक से 10 तक चिह्नित हैं।

कमांड टास्क (सीटी) प्रत्येक अभ्यर्थी को कमांडर बनाया जाता है और उसे हाफ ग्रुप टास्क (एचजीटी) के समान एक बाधा दी जाती है, जिसे उन्हें दूर करना होता है।

अंतिम समूह कार्य (एफजीटी) पूरे समूह को फिर से एकजुट किया जाता है और निर्धारित समय में प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क (पीजीटी) के समान सौंपे गए कार्य को पूरा करना आवश्यक होता है।

व्यक्तिगत साक्षात्कार यह मुख्य कुंजी है, जो एसएसबी साक्षात्कार में आपका आखिरी पड़ाव होता है। एसएसबी साक्षात्कार प्रश्न और उत्तर उम्मीदवार के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। व्यक्तिगत साक्षात्कार आम तौर पर संबंधित दैनिक कार्य पूरा होने के बाद 2, 3 और 4 दिन आयोजित होते हैं। इंटरव्यू में सवाल आमतौर पर रोजमर्रा के अनुभवों, काम, शिक्षा, परिवार, शैक्षणिक उपलब्धियों और सामान्य जागरुकता आदि से संबंधित होते हैं।

इन बातों का खास ध्यान रखें

पांचवां दिन, सम्मेलन

●पांचवें यानी आखिरी दिन मूल्यांकनकर्ता समापन भाषण के साथ शुरुआत करता है, फिर उम्मीदवारों का सम्मेलन शुरू होता है। एक बोर्ड सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जहां पिछले दिनों में उम्मीदवारों का मूल्यांकन करने वाले सभी अधिकारी उपस्थित होते हैं।

●प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता एक अभ्यर्थी की उपयुक्तता के संबंध में आपस में चर्चा करता है। इसके बाद प्रत्येक अभ्यर्थी व्यक्तिगत रूप से बोर्ड के समक्ष उपस्थित होता है, जहां उनका कुल मूल्यांकन सुनाया जाता है।

●सीमावर्ती उम्मीदवारों को कुछ परिस्थितियां दी जाती हैं, और एक सामूहिक निर्णय लिया जाता है। परिणाम घोषित होने के बाद, शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को मेडिकल परीक्षण के लिए बुलाया जाता है।

●एसएसबी इंटरव्यू में कैंडिडेट अक्सर ही अपनी हॉबी को लेकर झूठ बोलते हैं- जैसे कि क्रिकेट, फुटबॉल या कोई और खेल खेलना, समाचार देखना, म्यूजिक सुनना। रेज्यूम में भी यह सब बड़ी आम बात है, लेकिन सेना के अधिकारी हॉबी के संबंध में गहरे सवाल पूछने लगते हैं, तो इंटरव्यू देने वाला तुरंत पकड़ा जाता है, इसलिए अपनी हॉबी पता न हो तो कुछ झूठा लिखने की बजाय उसे खाली ही छोड़ दें।

●कृपया अपनी ताकत और कमजोरियां बताएं? यह प्रश्न मनोवैज्ञानिक क्षमताओं को जज करने के लिए पूछा जाता है। इसके जवाब में कुछ कैंडिडेट्स अपने मजबूत पक्ष बताकर कहते हैं कि उनकी कोई कमजोरी नहीं है, लेकिन असल में हर व्यक्ति की कुछ कमजोरियां होती हैं। इसलिए इंटरव्यू देने जाने से पहले ही तय कर लें कि आपकी मजबूती और कमजोरियां क्या हैं?

●एसएसबी इंटरव्यू में अक्सर डेली रुटीन या दैनिक दिनचर्या से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यहां भी काफी कैंडिडेट फंस जाते हैं, जैसे कि वह जवाब में कहते हैं कि प्रतिदिन दो घंटे या पांच किलोमीटर दौड़ते हैं। इंटरव्यू लेने वाले अधिकारी तो हर जवाब पर नजर रखते हैं। कैंडिडेट फॉलोअप प्रश्न में फंस जाते हैं। इसलिए यदि आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो यह न कहें कि आप तो रोज दौड़ते हैं।

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